महिलाओं को मिलेगा नया आयाम: स्थानीय उत्पादों की पैकेजिंग और ई-कॉमर्स के माध्यम से बढ़ेगी बिक्री
सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ीं महिलाओं ने जिले में दो तेल, हल्दी, मिर्ची, वर्मी कम्पोस्ट यूनिट लगाए
सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ीं महिलाएं अब पैकेजिंग और मार्केटिंग में भी दक्ष बनेंगी। ये महिलाएं अपने उत्पादों को स्वयं ही बाजार में ग्राहकों तक पहुंचाएंगीं। समूहों से जुड़ीं महिलाओं की ओर हल्दी, मिर्च मसाले और तेल के उत्पादन के साथ-साथ बिक्री शुरू की जा रही है। जल्द ही ई-कॉमर्स के माध्यम से भी प्रोडक्ट बेचे जाएंगे। यह पहल स्थानीय उत्पादों को बाजार में लाने और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मिशन के तहत जिले में हल्दी, मिर्च और तेल की उत्पादन यूनिटें स्थापित की गई हैं। इन यूनिटों का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर उत्पाद तैयार करना है।
स्थानीय उत्पादों को मिलेगा बढ़ावा
इस पहल के तहत जिले में हल्दी, मिर्च मसाले और तेल की उत्पादन यूनिटें स्थापित की गई हैं। इन यूनिटों का उद्देश्य स्थानीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार करना है। इस समय, जिले में दो सरसों के तेल, नौ हल्दी, एक वर्मी कंपोस्ट, और तीन मिर्ची यूनिटें काम कर रही हैं। इसके माध्यम से, महिलाएं हल्दी, मिर्च, मसाले और तेल का उत्पादन और पैकिंग करेंगी, जिससे ये उत्पाद बाजार में बेहतर ढंग से पेश किए जा सकें।
उत्पाद | यूनिट की संख्या | उद्देश्य |
---|---|---|
सरसों का तेल | 2 | उच्च गुणवत्ता वाले तेल का उत्पादन |
हल्दी | 9 | शुद्ध और प्राकृतिक हल्दी उत्पादन |
वर्मी कंपोस्ट | 1 | जैविक खेती के लिए खाद का उत्पादन |
मिर्च | 3 | शुद्ध मिर्च पाउडर उत्पादन |
ई-कॉमर्स से होगी व्यापक बिक्री
जिला प्रोग्राम मैनेजर सुखविंदर सिंह चट्ठा ने बताया कि यह पहल केवल पारंपरिक बाजार तक सीमित नहीं है। भविष्य में, इन उत्पादों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी बेचा जाएगा। इससे स्थानीय उत्पादों की पहुंच और व्यापक हो जाएगी। ऑनलाइन शॉपिंग के माध्यम से शहरी और ग्रामीण ग्राहकों तक पहुंचने की योजना है। यह कदम न केवल स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देगा, बल्कि महिलाओं और ग्रामीण समुदायों को एक नई दिशा में ले जाएगा।
महिलाओं के लिए नए अवसर
इस मिशन के तहत, महिलाओं को उनके उत्पादों की बिक्री के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उन्हें न केवल उत्पादन की तकनीकों में प्रशिक्षित किया जा रहा है, बल्कि उन्हें पैकेजिंग और मार्केटिंग के लिए भी तैयार किया जा रहा है। इन समूहों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त करने का प्रयास किया जा रहा है ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकें।
सशक्तिकरण की दिशा में मजबूत कदम
लवजीत कलसी, एडीसी कम जिला डायरेक्टर आजीविका मिशन, बठिंडा ने बताया कि इन उत्पादों को जल्द ही एक स्थान पर उपलब्ध कराने की योजना है। इसके लिए एक उचित स्थान की तलाश की जा रही है, जहां सभी उत्पादों को एक ही छत के नीचे उपलब्ध कराया जा सके। इसके अलावा, ई-कॉमर्स के माध्यम से जल्द ही इन उत्पादों की बिक्री शुरू की जाएगी। इस तरह के कदम न केवल स्थानीय उत्पादों की मांग को बढ़ावा देंगे, बल्कि महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने में मदद करेंगे।
अधिक जानकारी के लिए आजीविका मिशन की आधिकारिक वेबसाइट देखें
महिलाएं अब पैकेजिंग और ई-कॉमर्स के माध्यम से स्थानीय उत्पादों की बिक्री करेंगी। आजीविका मिशन के तहत, हल्दी, मिर्च और तेल की उत्पादन यूनिटें स्थापित की गई हैं, जिससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।